क्रिप्टोकररेन्सी क्या है ? ( what is cryptocurrency )

क्रिप्टोकररेन्सी एक ऐसी डिजिटल करेंसी है जो कंप्यूटर अल्गोरिथम पर काम करती है| यह एक स्वतंत्र करेंसी है | जिस पर किसी बैंक, संस्था आदि का कोई नियंत्रण नहीं होता है|

क्रिप्टोकररेन्सी कैसे काम करती है ? ( HOW DOES WORK CRYPTOCURRENCY ? )

क्रिप्टो का मुख्य कार्य ब्लॉकचैन के माध्यम से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में पैसे ट्रांसफर करना होता है | ब्लॉकचैन एक बैंक की तरह किये गए लेन-देन का पूरा रिकॉर्ड रखती है | इस टेक्नोलॉजी को कुछ लोगो द्वारा सुपर कंप्यूटर के माध्यम से निगरानी की जाती हैं , यह प्रक्रिया क्रिप्टो की माइनिंग प्रोसेस कहलाती है | जिनके द्वारा यह कार्य किया जाता है उन्हें माइनर्स कहा जाता है |

कुछ प्रसिद्ध क्रिप्टोकररेन्सी के उद्धहरण निम्मनलिखत है :

  • बिटकॉइन ( BITCOIN ) : बिटकॉइन की स्थापना 2009 में हुई थी यह पहली क्रिप्टोकोर्रेंसी थी |
  • एथेरियम ( ETHEREUM ): 2015 में, एथेरेयम एक ब्लॉकचैन प्लेटफॉर्म है जिसकी अपनी क्रिप्टोकररेन्सी है , जिसे ईथर या एथेरियम कहा जाता है |
  • लिटेकोईन ( LITECOIN ): यह बिटकॉइन के सामान है |
  • रिप्पल ( RIPPLE ): यह डिस्ट्रीब्यूटर लेज़र सिस्टम है जिसका उपयोग लेन -देन को ट्रैक करने में किया जाता है |

समस्याएं / चुनौतियां :

  • क्रिप्टो बाजार लॉन्डरिंग और टेरर वित्तीय लेन -देन को आसान बनता है |
  • क्रिप्टोकररेन्सी वॉलेट की गोपनीय जानकारी खो जाने पर या हैक हो जाने पर इसे प्राप्त करना संभव नहीं है |
  • यह पोंजी स्कीम को बढ़ावा दे सकती है |
  • बड़ी मात्रा में सुपर कंप्यूटरो का उपयोग किया जाना, जिससे विशाल मात्रा में ऊर्जा की खपत होती है | जिसके कारण कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि होती और पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है |
  • इस विधि के द्वारा, संभावित अवैध दस्तावेजों, गोपनीयता, कॉपीराइट उलंघनो, मैलवेयर हमलो आधी के मुद्दों को जन्म देता है |
  • इसमें किसी तरह की कोई गारंटी नहीं मिलती है |

निष्कर्ष : क्रिप्टोकररेन्सी पर सर्कार प्रतिबंध लगाने की जगह सख्त मानदंडों, रिपोर्टिंग और कर शामिल करकें क्रप्टो बाजार को विनियमित किया जा सकता है| क्रिप्टोकररेन्सी को राष्ट्रिय कानूनों के तहत प्रतिभूतियों या अन्य वित्य साधनो के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिये|

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