परिभाषा ( DEFINITION ) :
नेशनल बैंक ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलोपमेन्ट ( NABARD ) ने स्वंय सहायता समूह को “ग्रामीण गरीबो के ऐसे समूह के रूप में परिभाषित किया है , जो स्वेच्छा से अपनी कमाई का कुछ हिस्सा बचाने , उसे एकत्र करने , उसे उत्पादन कार्य में लगाने और आकस्मिक ऋणों की जरुरत पूरी करने के लिए सहमत है ” |
SHG छोटे स्तर पर स्वंय सहायता के लिए एक मिनी स्वैछिक एजेंसी है ,जो कमजोर वर्ग विशेष्कर महिलाओ पर उनकी सामाजिक रक्षा पर केंद्रित है | SHG की अवधारणा ” महिलाओ का , महिलाओ के द्वारा और महिलाओ के लिए ” सिद्धांत पर कार्य करती है |
SHG के उद्देश्य ( OBJECTIVE OF SHG ):
SHG का मुख्य उद्देश्य बचत और बैंकिंग आदतों को विकसित करना है , अथार्त ऋण प्राप्त करना और एक निश्चित अवधि में उसे चुकाना | SHG के सदस्य अपनी बचत जमा करते है और उसे समूह के भीतर बारी -बारी से या जरूरत के आधार पर उपयोग करते है |
SHG की उत्पति ( ORIGIN OF SHG ) :
SHG की शुरुवात वर्ष 1975 में चटगाँव विशवविद्यालय के महोम्मद यूनुस द्वारा बांग्लादेश में हुई थी | यह सामान्य रूप में गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण के माध्य्म से ग्रामीण विकास से संबंधित कार्यक्रम है |
SHG के प्रमुख कार्य ( MAJOR FUNCTIONS OF SHG ) :
- SHG ग्रामीण भारत में साहूकार जैसे शोषणकारी कर्जो से मुक्ति दिलाते है |
- SHG महिलाओ में कौशल विकसित करके महिलाओ को सशक्त बनाते है ,जिससे लैंगिक समानता में सुधार होता है |
- SHG के माध्यम से कमजोर तथा हाशिए समुदाय की मुख्य धारा में भागीदारी में वृद्धि सामाजिक न्याय को सुनश्चित करती है |
- ” बचत पहले , क्रडिट बाद में ” प्रत्येक SHG का आदर्श होना चाहिए |
- इसके माध्यम से वित्य समावेशन को बढ़ावा मिलता है |
- यह अपने सदस्यों को बचत करने और बैंकिंग सेवाओं तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करती है |
स्वंय सहायता समूहों से संबंधित मुद्दे ( SELF HELP GROUP RELATED ISSUES ):
- नए तकनीक नवाचरो और कौशल के उपयोग में कमी |
- SHG द्वारा उत्पादित वस्तुओ की पहुँच बड़े बाजार तक नहीं होना |
- SHG सदस्यों द्वारा व्यक्तिगत व घरेलू उद्देश्य जैसे -शादी ,घर निर्माण आदि में धन का उपयोग “कमजोर वित्य प्रबंधन ” को दर्शाता है |
- महिला स्वंय सहायता समहू में स्थिरता और एकता में कमी का होना |
- मजबूत सदस्य द्वारा अनपढ़ सदस्यों के लाभ का हिस्सा हथयाने की कोशिश करना |
- सरकार तथा गैर सरकारी संगठन पर अधिक निर्भरता का होना |
- अपर्याप्त वित्य सहायता का होना |
- क्रेडिट मोबिलाइजेशन -साहूकार , रिश्तेदारों व पड़ोसी से उधार लेना |
SHG को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम ( STEPS TAKEN BY GOVERNMENT TO DEVELOP SHG ) :
- स्वंय सहायता समहू -बैंक लिंकेज कार्यक्रम : बैंक ,समहू गारंटी पर SHG को ऋण देते है ,ऋण की मात्रा SHG द्वारा बैंको के पास रखी गई राशि से कई गुना अधिक हो सकता है |
- प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार : सरकार द्वारा SHG को बढ़ावा देने के लिए इसे प्राथमिकता क्षेत्र में शामिल किया है | SHG के सदस्यों को बैंक ऋण , कृषि ,सूक्ष्म , लघु और मध्य्म ,सामाजिक आधारभूत संरचना व अन्य श्रेणियों के तहत दिया जाता है |
- महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना : ऐसी कृषि परिस्थितकी प्रथाओं को जो महिलाओ की आय में वृद्धि ,लागत और जोखिम को कम करती है |
- राष्ट्रिय महिला कोष ( 1993 ) : इसका उद्देश्य गरीब महिलाओ को उनके सामाजिक -आर्थिक उठान के लिए ऋण सहायता उपलब्ध करना था |
- दीनदयाल अंत्योदय योजना -राष्ट्रिय ग्रामीण आजीविका मिशन : यह गरीबो के लिए स्थायी सामुदायिक संस्थानों के निर्माण के माध्यम से ग्रामीण गरीबी को कम रखने का लक्ष्य रखती है |