भारत में गैर सरकारी संगठन ( NON-GOVERMENTAL ORGANIZATION ) :UPSC

एक गैर सरकारी संगठन एक ऐसा संगठन है जो न तो सरकार का हिस्सा है और न ही पारंपरिक व्यवसाय है | NGO की गतिविधियों में पर्यावरणीय , सामाजिक और मानवाधिकार, राजनितिक परिवर्तन आदि संबंधी कार्य शामिल है | NGO समाज के विकास , समुदायो को बेहतर बनाने और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है |

भारतीय गैर सरकारी संगठनो का वर्गीकरण ( CLASSIFICATION OF INDIAN NON -GOVERMENTAL ORGANIZATION ) :

  • सोसाइटीज : सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट ,1860 के तहत सोसइटी को रजिस्ट्रशन करना होता है |
  • ट्रस्ट ( न्यास ) : भारतीय ट्रस्ट अधिनियम ,1882 के तहत रजिस्ट्रशन करना होता है |
  • धर्मार्थ कंपनियाँ : ये कंपनी अधिनियम , 2013 के अनुसार स्थापित की जाती है |

प्रमुख गैर सरकारी संगठन ( MAJOR GOVERMENTAL ORGANIZATION ) :

  • अक्षय पात्र
  • मुस्कान फाउंडेशन
  • कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्र्न फाउंडेशन
  • प्रथम
  • क्राई (CRY ) : चाइल्ड राइट्स एंड यू
  • हेल्प ऐज इंडिया

विकास में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका ( THE ROLE OF NON -GOVERMENTAL ORGANIZATION ) :

  • ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा ,स्वास्थ्य देखभाल ,सरकारी स्कूल व अस्पताल आदि क्षेत्रों में कार्य करना जहाँ सर्कार द्वारा पर्याप्त विकास कार्य नहीं किया गया है |
  • सामाजिक कुरीतियों को दूर करना जैसे -कन्या भूर्ण हत्या
  • सूचना का अधिकार NGO के प्रयासो के कारण वास्तविकता बन पाया है |
  • जनजातीय अधिकार
  • कल्याणकारी योजनाओ का किर्यान्वयन
  • गरीबो की वकालत

पर्यावरण के संरक्ष्ण में NGO की भूमिका ( THE ROLE OF NON -GOVERMENTAL ORGANIGATION IN ENVIRONMENT PROTECTION ) :

  • वर्तमान पर्यावरणीय मुद्दों और समाधानों पर जनता के बीच जागरूकता पैदा करना |
  • स्वच्छ पर्यावरण के लिए मानव आधिकारो के संरक्षण में शामिल होना |
  • प्राकृतिक संसाधनों पर डाटा संग्रहण करना |
  • प्राकृतिक संसाधनों की संसाधनों की रक्षा करना तथा उनके न्याय संगत उपयोग को बढ़ावा देना |
  • पर्यावरण की गुणवत्ता का विश्लेषण और निगरानी करना |

भारत में गैर सरकारी संगठन जो पर्यावरण के क्षेत्र में काम करते है |

  • असम साइंस सोसइटी
  • विज्ञानं और पर्यावरण केंद्र
  • बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी
  • कल्पव्रक्ष
  • पर्यावरण शिक्षा केंद्र
  • नमर्दा बचाओ आंदोलन

गैर सरकारी संगठनो का विनियमन :

  • विदेशी अंशदान ( विनियमन ) अधिनियम ,2010 : यह अधिनियम सुनिश्चित करता है ,विदेशी योगदान प्राप्त करने वाले संगठन उस उल्लेखित नियम का पालन करते है | जिसके लिए योगदान प्राप्त किया है |
  • विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम ,1999 : इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य मुद्रा से संबंधित कानूनों को समेकित और संशोधित करने के साथ ही विदेशी व्यापार और भुगतान को आसान बनाना तथा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के व्यवस्थित विकास और रखरखाव को बढ़ावा देना है |

NGO के लाभ :

  • लोगो के साथ अच्छे संबंध बनाये रखने की इच्छाशक्ति |
  • विशेषज्ञो और अत्यधिक प्रेरित कर्मचारियों की भर्ती करने में सक्षम |
  • अन्याय के खिलाफ राज्यों का विरोध करते है |
  • स्वतंत्र रूप से नए -नए प्रयोग करने की क्षमता |

NGO की चुनौतियाँ :

  • NGO के एक बड़े हिस्से के पास परिचालन निधि तक की कमी है |
  • ब्लैक मनी ,कर चोरी आदि को चैनलाइज करने के लिए एक सुरक्षित माध्यम बनते जा रहे है |
  • दिखावे मात्र के NGO
  • राजनीती में सक्रिय होकर राजनितिक दल के लिए प्रॉक्सी के रूप में कार्य करते है |
  • कम आकर्षक करियर तथा वेतनमान के कारण युवाओ में स्वैछिक सामाजिक कार्य में शामिल होने की दृष्टि का अभाव है |
  • खराब शासन और नेटवर्किंग |

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