दिव्यांग व्यक्ति कौन है ? ( WHO ARE THE PERSON WITH DISABILITES ) :
विकलांग व्यक्तियों के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन परिभाषित करता है की “विकलांग व्यक्तियों में वे लोग शामिल है जिन्हे लम्बे समय से शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक या संवेदी विकार है | जोकि दूसरो के साथ एक सामान आधार पर, समाज में उनकी पूर्ण और प्रभावी भागीदारी में बाधा बन सकते है| ” भारत में दिव्यांग व्यक्तियों को उपेक्षा, वंचना तथा अलगाव जैसी असंख्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है| जो उन्हें पूर्ण रूप से नागरिक, राजनैतिक, आर्थिक,सांस्कृतिक और विकासात्मक आधिकारो का उपयोग करने से रोकती है|
दिव्यांग व्यक्ति भारत के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समहू में से एक है| 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की 121 करोड़ की कुल जनसँख्या में से लगभग 2.68 करोड़ व्यक्ति विकलांग है| (कुल जनसँख्या का 2.21 %)
- 2.68 करोड़ में से 1.5 करोड़ पुरुष और 1.18 करोड़ महिलाएं है|
- विकलांग आबादी का अधिकांश 69 % ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है |
- 7.62 % विकलांग व्यक्ति 0 -6 वर्ष की आयु वर्ग के है
उप -राष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने कहा की “सामान अवसर सुनिश्चित करता है किविक्लांग व्यक्ति एक सम्मानित, सुरक्षित और बेहतर जीवन जी सके” |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा की “हमारी सरकार का पूरा जोर समानता, पहुंच तथा अवसर पर है “|
संवैधानिक प्रावधान :
- संविधान के भाग -4 में राज्य के निति निर्देशक तत्व के अनुछेद -41 में कहा गया है की कुछ दशाओ में विश्षेत: बुढ़ापे, बेरोजगारी, बीमारी, अशक्तता आदि की दशा में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार सुनिश्चित करने के लिये प्रभावी प्रावधान करेगा|
- संविधान की 7वी अनुसूची की राज्य सूचि में “विकलांग और बेरोजगारों को राहत “का विषय दिया है |
- प्रस्तावना में “प्रतिष्ठा और अवसर की समानता”के साथ सभी नागरिको के लिए सामाजिक,आर्थिक और राजनैतिक न्याय को सुरक्षित करने का प्रयाश करती है |
- संविधान के तहत गारंटीकृत सभी मौलिक अधिकारों के पीछे “व्यक्ति की गरिमा “की मौलिक धारणा है |
- अनुछेद -46 के अनुसार, राज्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितो की अभिवृद्धि व सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करेगा|
- विकलांग और मानसिक रूप से मंद लोगो का कल्याण 11 वी अनुसूची में विषयवस्तु -26 और बारहवीं अनुसूची में विषयवस्तु -09 के रूप में सूचीबद्ध है |
क़ानूनी प्रावधान :
- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 : इस अधिनियम ने दिव्यांगता सूचि की संख्या को -07 से बढ़ाकर- 21 , सरकारी नौकरियों में आरक्षण 3 % से बढ़ाकर 4 % तथा उच्च शिक्षण संस्थानों में 3 % से बढ़ाकर 5% कर दिया है |
दिव्यांग व्यक्तियो के समावेशी विकास के लिए योजनाएं :
- सामाजिक सशक्तिकरण
- शारिरिक सशक्तिकरण
- शैक्षिक सशक्तिकरण
- आर्थिक सशक्तिकरण
सुगम्य भारत अभियान : इस अधिनियम का उद्देश्य सुगम्य भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना एवं संचार प्रौद्योगकी परिस्थकी तंत्र का विकास कर दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाना है |
दीनदयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना : दिव्यांग व्यक्तियों के पुनर्वास से संबंदित परियोजनओं के लिए गैर -सरकारी संगठनो को वित्य सहायता दी जाती है|
दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए योजना : इस योजना के तहत कौशल विकास और बाधा मुक्त वातावरण के निर्माण के लिए वित्तय सहायता प्रदान की जाती है |
दिव्यांग व्यक्तियों की सहायता योजना : इस योजना का उद्देश्य सहायक वस्तुओ व उपकरणों को खरीदने में मदद करता है ताकि उनके जीवन में दिव्यांगता के प्रभाव को कम किया जा सके|
इंद्रा गांधी दिव्यांग पेंशन योजना तथा राष्ट्रीय दिव्यांग पुरुस्कार योजना आदि |
TYPES OF DISABLITIES :
- PHYSICAL DISABILITES : LOCOMETER DISABILITES, LEPROSY CURED PERSON, CEREBRAL PLASY, DWARFISM, MUSCULAR DYSTROPHY, ACID ATTACK VICTTIMS
- VISUAL IMPARIMENT : BLINDNESS, LOW VISION
- HEARING IMPAIREMENT : DEAF, HARD OF HEARING
- SPEECH AND LANGUAGE DISABILITEY
- INTELLECTUAL DISABILITY : SPECIFIC LEARNING DISABILITY, AUTISM SPECTRUM DISORDER
- MENTAL ILLNESS : CHORNIC NEUROLOGICAL CONDITIONS, MULTIPLE SCLEROSIS, PARKISON DISEASE
- BLOOD DISORDER : HAEMOPHILIA, THALASSEMIA, SICKLE CELL DISEASE