TRANSGENDER AND LGBTQIA ISSUES AND CHALLENGES :

ट्रांसजेंडर व्यक्ति कौन है ? ( WHO IS TRANSGENDER PERSON )

ट्रांसजेंडर वह व्यक्ति होता है,जो अपने जन्म से निर्धारित लिंग के विपरीत लिंगी की तरह जीवन बीतता है | लैंगिक पहचान का संबंध प्रत्येक व्यक्ति के जेंडर के बारे में उसके द्वारा गहराई से महसूस किये जाने वाला आंतरिक और व्यक्तिगत अनुभव है , जो जन्म से निर्धारित लिंग के अनुरूप हो सकता है और नहीं भी हो सकता है | जब किसी व्यक्ति के जनांगो का विकास और मस्तिष्क का लैंगिक विकास उसके जन्म से निर्धारित लिंग के अनुसार नहीं होता है तो पुरुष यह महसूस करने लगता है की वह महिला है , जबकि महिला यह महसूस करने लगती है की वह पुरुष है |

अधिनियम के अनुसार , ट्रांसजेंडर वह व्यक्ति होता है , जिसका लिंग उससे उसके जन्म के समय नियत लिंग से मेल नहीं खाता है तथा इसके अंतर्गत उभय -पुरुष या उभय -स्त्री परिवर्तित ,अंतः लिंग (INTER SEX )भिन्नताओं वाले वाले व्यक्ति, लिंग समलैंगिक ( GENDER -QUEERS ) तथा किन्नर , हिजड़ा ,अरवणी ,एवं जोगता जैसी सामाजिक -सांस्कृति पहचान रखने वाले व्यक्ति शामिल है | वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार , भारत में ट्रांस्जेंडरों की जनसँख्या लगभग 4.9 लाख है

LGBTQIA+परिवर्णी शब्द वास्तव में क्या दर्शाता है ? ( WHAT EXACTLY DOES THE LGBTQIA+ ACRONYM STAND FOR ? ) :

कोई भी वाक्यांश आज दुनिया में मौजूद विभिन्न लिंगो और यौन पहचानो का पर्याप्त रूप से वर्णन नहीं कर सकता है | संक्षेप में LGBTQ+ मुख्य रूप से उन लोगो को सन्दर्भित करता है | जो

  • लेस्बियन ( LESBIAN ) : समलैंगिक महिलाओ या महिलाओ में समलैंगिकता से संबंधित है |
  • गे ( GAY ) : एक समलैंगिक व्यक्ति
  • उभयलिंगी ( BISEXUAL ) : पुरषों और महिलाओ या एक से अधिक लिंग के प्रति यौन वयवहार से है |
  • ट्रांसजेंडर ( TRANSGENDER ) : ट्रांसजेंडर लोगो की एक लिंग पहचान या लिंग अभिव्यक्ति होती है जो जन्म के समय उन्हें सौपे गए लिंग से अलग होती है |
  • इंटरसेक्स ( INTERSEX ) : इसमें बाहरी जननांगो और आंतरिक जननांगो ( वृषण और अंडाशय ) के बीच एक विसंगति होती है |
  • कवीर ( QUEER ) : QUEER उन लोगो के लिए व्यापक शब्द है जो ना तो विषमलैंगिक है ना ही सिस्जेंडर (किसजेण्डर) है |
  • अलैंगिक ( ASEXUAL ) : अलैंगिक के अर्थ दुसरो के प्रति यौन आकर्षण में कमी या यौन गतिविधयों में कम रूचि से है |

कानूनी प्रावधान ( LEGAL PROVISION ) :

ट्रांसजेंडर व्यक्ति ( अधिकारों का संरक्षण ) अधिनियम ,2019 : अधिनियम में कहा गया है की एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति स्वंय की कथित लिंग पहचान करने का अधिकार होगा | पहचान का प्रमाण पत्र जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय में प्राप्त किया जा सकता है और लिंग परिवर्तन कराने पर एक संशोधित प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा |

  • ट्रांसजेंडर व्यक्ति को अपने माता-पिता तथा परिवार के सदस्यों के साथ रहने का अधिकार होगा |
  • ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ शिक्षा , रोजगार , और स्वास्थ्य देखभाल जैसी विभिन्न क्षेत्रों में भेदभाव को प्रतिबंधित करता है
  • ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ अपराध के लिए जुर्माने के अलावा छ : महीने से दो साल कैद की सजा होगी

ट्रांसजेंडर की समस्याएँ / चुनोतियाँ ( TRANSGENDER ISSUES AND CHALLENGES ) :

  • स्वास्थ्य : ट्रांसजेंडर समुदाय HIV /AIDS जैसी यौन संचारित रोगो के लिए अत्यधिक संवेदनशील है | UNADS की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ट्रांस्जेंडरो के बीच HIV का प्रसार 3.1 %(2017 ) है |
  • रोजगार : ये आर्थिक रूप से हाशिए पर है , ये लोग आजीविका के लिए भीख मांगने , वेश्यावृति और शोषक मनोरंजन जैसे उद्योगों का सहारा लेने के लिए मजबूर है |
  • भेदभाव : लैंगिकता या लैंगिक पहचान अक्सर ट्रांसजेंडर लोगो के लिए समाज द्वारा कलंक और बहिष्कार का कारण बनती है |
  • सार्वजनिक स्थानों : इन्हे जेंडर न्यूट्रल व अलग ट्रांसजेंडर शौचालयों की कमी के कारण शौच इस्तमाल की समस्या से गुजरना पड़ता है |
  • बहिष्करण : समाज द्वारा ट्रांसजेंडर लोगो का बहिष्कार किया जाता है | यहां तक की इनका अपना परिवार इन्हे बदनामी से बचने के लिए घर से बहार कर देते है |
  • लिंग आधारिता हिंसा : ट्रांसजेंडर अक्सर यौन शोषण और बलत्कार जैसी समस्याओ का शिकार बनते है |

ट्रांसजेंडर कल्याणकारी योजनाये ( WELFARE SCHEME FOR TRANSGENDER ) :
  • ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रिय परिषद : ट्रांसजेंडर व्यक्ति ( आधिकारो का संरक्षण ) अधिनियम के तहत सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रिय परिषद का गठन किया |
  • ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ठ्रीय पोर्टल : यह ट्रांसजेंडर को देश में कही से भी प्रमाण -पत्र और पहचान -पत्र के लिए डिजिटल रूप से आवेदन करने में मदद करेगा |
  • गरिमा ग्रह : इसमें बेसहारा और जरूरत मंद ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए आश्रय ग्रह की स्थापना की जाती है |
  • ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए भत्ता : प्रत्येक ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को उनकी बुनयादी आवश्यकताओ को पूरा करने के लिए 1500 रुपये का निर्वह भत्ता दिया जाता है |
  • स्माइल (SMILE ) योजना : सरकार ने ” आजीविका और उद्यम “में उपेक्षित व्यक्तियों के लिए सपोर्ट फॉर मार्जिनलिज़्ड इंडीविसुअल फॉर लाइवलीहुड एंड एंटरप्राइज ( SMILE ) नमक योजना को मंजूरी दी है ,जिसमे ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए एक उपयोजना शामिल है | यह योजना ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के पुनर्वास, चिक्तसा सुविधओं , परामर्श , शिक्षा , कौशल विकास और आर्थिक संबंदो के प्रावधान पर केंद्रित है |

निष्कर्ष : उच्तम न्यायालय ने धारा 377 को गैर -अप्राधिकृत कर दिया है | अब अगला कदम समाज को LGBTQIA+ समुदाय के अनुकूल बनाना और उनके खिलाफ किसी भी प्रकार के भेदभाव या क्रूरता को रोकना होना चाहिए | समाज द्वारा इन समुदाय पर बनाई गई फिल्मो जैसे -एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा ,शुभ मंगल ज्यादा सावधान ,बधाई हो ,कपूर & सन्श को काफी पसंद किया गया ,फिर विभिन्न लिंगो वाले इस छोटे समुदाय के लोगो खिलाफ पूर्वाग्रह क्यों है| इस देश के लोगो के रूप में इस समुदाय के लोगो को सशक्त ,संरक्षित और प्यार महसूस करने के लिए सामूहिक प्रयास करे |

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